हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है हमारा दिल जिसके बिना हम जिंदा नहीं रह सकते जब कोई बच्चा अपनी मां के पेट में चार सप्ताह का हो जाता है तब से ही उसके अंदर दिल का धड़कना शुरू हो जाता है और यह लाइफ टाइम आपकी सांस तक धड़कता रहता है चलिए मानव Heart Working Science के बारे मे जाने।
दिल का वजन और संरचना
हमारा दिल हमारे लेफ्ट साइड में होता है जिसका वजन 300 ग्राम होता है। दिल में चार चैंबर होते है जिनमें से ऊपर के दो चैंबरों को आलिंद ( atrium) कहते है जिनका काम शरीर की नसों से रक्त प्राप्त करना होता है । नीचे के दोनों चैंबर्स को निलय कहते है जिनका काम खून को पंप करना है। हमारे दिल का काम हमारे शरीर में बह रहे हैं खून को प्राप्त करना और पंप है आइए जानते है यह काम कैसे करता है ।
ऑक्सिजनेटेड और डीऑक्सिजनेटेड ब्लड का सफर
हमारा शरीर छोटे-छोटे सेल्स यानी कोशिकाओं से मिलकर बना है और हमारे हर सेल्स को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है और हमारे बॉडी के हर सेल्स तक ऑक्सीजन को पहुंचने का काम हमारे ब्लड में मौजूद रेड ब्लड सेल्स करते है। रेड बल्ड सेल्स फेफड़ों से ऑक्सीजन को ले कर ऑक्सीजन को हरेक बॉडी सेल्स तक पहुंचाते रहते हैं और उनसे कार्बन डाइऑक्साइड लेकर फेफड़ों को देते रहते हैं|
जो रेड बल्ड सेल ऑक्सीजन ले के जाते है उनका कलर लाल होता है और ऐसे रेड ब्लड सेल्स वाले ब्लड को ऑक्सिजनेटेड ब्लड कहते हैं और जिन रेड ब्लड सेल्स के पास कार्बन डाइऑक्साइड होता है उनका कलर हल्का काला हो जाता है और ऐसे रेड ब्लड सेल्स वाले ब्लड को डीऑक्सीजनेटेड ब्लड कहते हैं हमारा दिल इन्हें ऑक्सिजनेटेड और डीऑक्सीजनेटेड ब्लड को कंट्रोल करके हमारे पूरे बॉडी को सप्लाई करता रहता है
खून की नालियां (Blood Vessels)
- धमनी (Artery): दिल से ऑक्सिजनेटेड ब्लड को शरीर तक ले जाती है।
- नस (Vein): डीऑक्सिजनेटेड ब्लड को शरीर से वापस दिल तक लाती है।
हमारे पूरे बॉडी में दो तरह के खून की नालियां होती है जिन्हें Artery यानी धमनी और Veins जिन्हें नस कहते है। इन दोनों में से वेन हमारे शरीर से डी ऑक्सिनेटेड खून को हमारे दिल तक वापिस पहुंचाने का काम करती है। और धमनी दिल से ऑक्सिजनेटेड ब्लड को पूरे बॉडी के सेल्स तक पहुंचाने का काम करता है इसे हम इस तरह से कह सकते हैं कि नस हमारे शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड युक्त खून को हमारे दिल तक वापिस लाती है और धमनी ऑक्सीजन वाले बल्ड को हमारे दिल से पूरे शरीर में ले जाती है|
जब हम दिल को देखेंगे तो हमें दिल के अंदर डीऑक्सीजनेटेड ब्लड को पहुंचाने के लिए दो ब्लड नसें जुड़ी हुई दिखाई देती है इन्हें vena cava कहते हैं फिर इन डीऑक्सीजनेटेड ब्लड को फेफड़ों तक भेजने के लिए दो और खून की नालियां जुड़ी हुई दिखाई देती है इन्हें pulmonary आर्टरी कहते हैं | फेफड़ों से ऑक्सिजनेटेड ब्लड को दिल तक पहुंचाने के लिए चार खून की नालियां जुड़ी हुई होती है इन्हें pulmonary veins कहते हैं फिर इस ऑक्सिजनेटेड ब्लड को पूरे बॉडी में भेजने के लिए दिल से एक और ब्लड वेसल्स जुड़ी हुई होती है इस Aorta यानी महाधमनी कहते हैं यह पूरे शरीर की सबसे मजबूत धमनी होती है|
दिल कैसे काम करता है? Heart Working Science
हमारे दिल के अंदर टोटल चार चेंबर होते हैं जिन्हें बायां आलिंद (left atrium) ओर दायाँ आलिंद (right atrium) बायां निलय (left ventricle) ओर दायाँ निलय (Right ventricle)| डीऑक्सीजनेटेड ब्लड वैन कावा के द्वारा दिल में right atrium में आता है फिर right atrium इस बल्ड को नीचे Right ventricle में भेज देता है Right ventricle भी इस ब्लड को पंप करता है जिससे यह डीऑक्सीजनेटेड ब्लड पल्मोनरी आर्टरी से होता हुआ फेफड़ों के पास चला जाता है|
ऑक्सिजनेटेड होने के लिए अब से यही प्रक्रिया दिल के लेफ्ट वाले हिस्से में भी होता है फेफड़ों से ब्लड ऑक्सिजनेटेड होकर पलमोनरी वेंन से दिल के left atrium में पहुंचता है left atrium इस ब्लड को नीचे left ventricle में भेज देता है फिर बायां निलय इस ऑक्सिजनेटेड ब्लड को पंप करता है जिसकी वजह से यह ब्लड Aorta से होते हुए पूरे बॉडी में चला जाता है इस तरह से दिल के अंदर यह प्रक्रिया चलता रहता है एक तरफ से डीऑक्सीजनेटेड ब्लड दिल के अंदर आता रहता है और दूसरे साइड से ऑक्सिजनेटेड ब्लड पूरे बॉडी में सप्लाई होता रहता है|
दिल मे ब्लड रिवर्स क्यों नहीं होता?
अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की कि जब हमारे दिल के नीचे वाले दोनों चैंबर ब्लड को पंप करते हैं तब बल्ड पल्मोनरी वेन और पल्मोनरी Artery में जाने की बजाय दोबारा वापस ऊपर वाले चैंबर्स में भी तो जा सकता था तो ऐसा इसलिए नहीं होता क्योंकि हमारे दिल में चार वाल्व लगे होते हैं जो ब्लड को रिवर्स नहीं आने देते हैं पहला वाल्व लगा होता है|
right atrium में और Right ventricle के बीच में दूसरा वाल्व लगा होता है पल्मोनरी वेन के शुरुआत में तीसरा वाल्व लगा होता है left atrium और left ventricle के बीच में और चौथा वाल्व लगा होता है Aorta की शुरुआत में, ये वाल्व खून को केवल एक तरफ ही बहने देते है| जिस से खून रिवर्स नहीं होता है |
दिल का ऑटोमेटिक पंपिंग सिस्टम
हमारा दिल जिंदगी भर अपने आप कैसे धड़कता रहता है यानी यह कैसे ऑटोमेटिक पंपिंग करता रहता है तो इसे भी जान लेते हैं हमारे दिल के Right Atrium वाले चेंबर में एक मसल्स पाया जाता है जिसे sinoatrial Node कहते हैं यह sinoatrial Node इलेक्ट्रिक करंट जनरेट करता रहता है जिसकी वजह से हमारा दिल पंपिंग करता रहता है कभी-कभी किसी इंसान में यही Node काम करना बंद कर देता है तब तो उसे इंसान को जिंदा रखने के लिए दिल में एक आर्टिफिशियल करंट जनरेट करने वाला मशीन लगा देते हैं जिसे पेसमेकर कहते हैं|
दिल के बारे में रोचक तथ्य
- दिल का वजन केवल 300 ग्राम होता है।
- यह बाईं ओर स्थित होता है।
- एक दिन में लगभग 1,00,000 बार धड़कता है।
हमें आशा है आपको यह Heart Working Science के बारे में आर्टिकल इन्फोर्मटिवे लगा होगा | अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमें कांटेक्ट कर सकते है | आप हमें Instagram पर भी कांटेक्ट कर सकते है|
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