Our Hearing process :- ह्यूमन बॉडी में पांच सेंस अंग यानी ज्ञानेंद्रिय है जो बाहर की चीजों का ज्ञान हमें कराते हैं कान हमारे पांचो सेंस ऑर्गन में बहुत महत्वपूर्ण सेंस ऑर्गन है जो बाहर की आवाज को हमारे दिमाग तक पहुंचता है जिससे हम कोई भी आवाज सुन पाते हैं आज इस आर्टिकल की मदद से हम जानेंगे कि हमारा कान कैसे काम करता है यानी कान के किस प्रक्रिया से हम किसी भी आवाज को सुन पाते हैं तो आईए जानते हैं
कान का ढांचा और इसकी प्रक्रिया
Sound प्रोसेसिंग को मध्य नजर रखते हुए हमारे पूरे कान को तीन भागों में बांटा गया है Outer ear यानी बाहर वाला भाग Middle ear यानी कान के अंदर का बीच वाला भाग और Inner ear यानी कान के अंदर का पीछे वाला भाग।

Outer Ear का काम
हमारे कान के बाहर वाले भाग को प्रकृति ने इस तरह से डिजाइन किया है कि बाहर की आवाज पूरी तरह से इक्कठी होकर हमारे कान के अंदर जा सके।
कान के मध्य वाले भाग में कान के चार पार्ट होते हैं जिनमें से सबसे आगे होता है ear drum और उससे जुड़ी यह तीन छोटी-छोटी हड्डियां जिनको Malleus, Incus और Stapes कहते हैं यह तीनों हड्डियां इंसान के शरीर की सबसे छोटी हड्डियां है। और ये किसी एम्प्लीफायर की तरह काम करती हैं। ये तीनों हड्डियाँ बहुत छोटी हैं लेकिन हमारी सुनने की प्रक्रिया में इनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इनके बिना Our Hearing process संभव नहीं है|
Inner Ear और Cochlea का महत्व
कान के अंदर वाले भाग में कान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो ध्वनि को इलेक्ट्रिक सिग्नल में बदल कर के हमारे दिमाग तक पहुंचता है। इसे Cochlea कहते हैं cochlea एक शंख के जैसा दिखता है।
आवाज़ को समझने की प्रक्रिया| Our Hearing process
हमें कोई आवाज कैसे सुनाई देती है दुनिया में कोई भी आवाज ध्वनि तरंग यानी Sound wave के रूप में एक जगह से दूसरी जगह को जाती है जब यह ध्वनि तरंग हमारे कान से टकराती है तो कान का बाहर का हिस्सा इस ध्वनि तरंग को इकट्ठा करके हमारे कान के अंदर भेज देता है अब यह sound wave हमारे कान की सुरंग से होते हुए कान के ड्रम से टकराता है जब ड्रम से कोई ध्वनि तरंग टकड़ती है तब इसमें वाइब्रेशन होने लगती है।
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जब कान के ड्रम में वाइब्रेशन होती है तब इसी वाइब्रेशन के कारण इससे जुड़ी तीनों हड्डियां भी वाइब्रेट करने लगती है यह तीनों हड्डियां किसी एमप्लीफायर की तरह आवाज के वाइब्रेशन को बढ़ाकर Cochlea तक पहुंचा देती है जब Cochlea तक साउंड का वाइब्रेशन पहुंचता है तब इसमें मौजूद Liquid में भी वाइब्रेशन होने लगती है।

Cochlea के surface में छोटे-छोटे बाल जैसी कोशिकाएं होती हैं जब इस liquid में वाइब्रेशन होता है तब इन छोटी छोटी कोशिकाओं में भी वाइब्रेशन होने लगती है इन छोटी कोशिकाओं में वाइब्रेशन होने के कारण यह इलेक्ट्रिक सिग्नल जनरेट करने लगते हैं अब यह इलेक्ट्रिक सिग्नल्स दिमाग की तंत्रिकाओं से होते हुए हमारे दिमाग तक पहुंचता है ब्रेन इन इलेक्ट्रिक सिग्नल्स को process करता है और तब हमें जाकर कोई आवाज सुनाई देता है|
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Conclusion of Our Hearing process
कान की पूरी प्रक्रिया देखने में बहुत धीमी लगती है, लेकिन हमारा कान इसे बेहद तेज़ी से करता है। उम्मीद है कि अब आप यह अच्छी तरह समझ गए होंगे कि हमारा कान कैसे काम करता है।
हमें आशा है आपको यह Our Hearing process के बारे में आर्टिकल जानकारीपूर्ण लगा होगा | अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमें कांटेक्ट कर सकते है | आप हमें Instagram पर भी कांटेक्ट कर सकते है|