Telangana Formation Day, जो हर साल 2 जून को मनाया जाता है, तेलंगाना के लोगों के लिए गर्व और उत्सव का प्रतीक है। यह दिन 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना के 29वें राज्य के रूप में गठन को चिह्नित करता है। आइए, इसके इतिहास, महत्व और उत्सव की रोचक बातों को जानें।
तेलंगाना आंदोलन का इतिहास
स्वतंत्रता से पहले की कहानी
तेलंगाना क्षेत्र पहले हैदराबाद रियासत का हिस्सा था, जिसे निज़ाम शासकों ने संचालित किया। 1948 में ऑपरेशन पोलो के बाद यह भारतीय संघ में शामिल हुआ। 1956 में, भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के तहत, तेलंगाना को आंध्र प्रदेश में मिला दिया गया।
1969 का आंदोलन
1969 में तेलंगाना में रोजगार और विकास में भेदभाव के खिलाफ बड़ा आंदोलन हुआ। छात्रों, सामाजिक संगठनों और सरकारी कर्मचारियों ने इसमें हिस्सा लिया। यह आंदोलन Telangana Formation Day की नींव बना, हालांकि उस समय मांग पूरी नहीं हुई।
तेलंगाना का गठन
2001 में नई शुरुआत
2001 में के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) बनाई, जिसका एकमात्र लक्ष्य तेलंगाना राज्य का गठन था। 2009 में KCR की भूख हड़ताल ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाया, और 2013 में कांग्रेस कार्य समिति ने अलग राज्य के लिए प्रस्ताव पारित किया।
2 जून 2014: ऐतिहासिक दिन
Telangana Formation Day की शुरुआत 2 जून 2014 को हुई, जब आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत तेलंगाना को 10 जिलों के साथ भारत का 29वां राज्य बनाया गया। KCR पहले मुख्यमंत्री बने।
तेलंगाना स्थापना दिवस का महत्व
सांस्कृतिक पहचान
Telangana Formation Day तेलंगाना की अनूठी संस्कृति, जैसे बथुकम्मा और दशहरा, को बढ़ावा देता है। यह दिन तेलुगु भाषी लोगों की पहचान और गर्व को मजबूत करता है।
आर्थिक प्रगति
तेलंगाना ने आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि में उल्लेखनीय प्रगति की। 2025 में, यह भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक है, जिसका GSDP तेजी से बढ़ रहा है।
उत्सव और समारोह
2025 का उत्सव
2 जून 2025 को Telangana Formation Day के 11वें वर्ष में, सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। सभी 33 जिलों में सांस्कृतिक परेड, बथुकम्मा नृत्य और पुरस्कार समारोह आयोजित हुए।
तेलंगाना की विरासत
यह दिन तेलंगाना के सतवाहन, काकतीय और निज़ाम शासकों के इतिहास को याद करता है। तेलंगाना खाना, जैसे हैदराबादी बिरयानी, और कला रूप जैसे पेरिनी शिवतांडवम भी उत्सव का हिस्सा हैं।
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Telangana Formation Day न केवल एक छुट्टी है, बल्कि तेलंगाना के लोगों की एकता, संघर्ष और प्रगति का उत्सव है। यह हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है।
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