Smartphone Radiation क्या यह वाकई में खतरनाक है?

Smartphone Radiation से तात्पर्य उन विद्युतचुंबकीय तरंगों (Electromagnetic Radiation) से है, जो स्मार्टफोन और अन्य वायरलेस डिवाइसेज़ जैसे वाई-फाई राउटर और ब्लूटूथ डिवाइसेज़ से निकलती हैं। ये तरंगें रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) रेंज में होती हैं और नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन की श्रेणी में आती हैं। यह आयोनाइजिंग रेडिएशन (जैसे एक्स-रे) से अलग है, जो डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है। Smartphone Radiation का मुख्य स्रोत डिवाइस का एंटीना होता है, जो कॉल, डेटा और कनेक्टिविटी के लिए सिग्नल भेजता और प्राप्त करता है।

रेडिएशन का मापन

Smartphone Radiation को विशिष्ट अवशोषण दर (Specific Absorption Rate – SAR) के माध्यम से मापा जाता है, जो यह दर्शाता है कि मानव शरीर प्रति किलोग्राम ऊतक में कितनी ऊर्जा अवशोषित करता है। भारत में, SAR की अधिकतम सीमा 1.6 वाट प्रति किलोग्राम (W/kg) है। उदाहरण के लिए, सैमसंग गैलेक्सी S24 का SAR मान 1.25 W/kg और iPhone 16 का 1.15 W/kg है।

स्वास्थ्य पर Smartphone Radiation का प्रभाव

वैज्ञानिक समुदाय में Smartphone Radiation के स्वास्थ्य प्रभावों पर लंबे समय से बहस चल रही है। कुछ अध्ययनों ने इसे कैंसर, प्रजनन समस्याओं और नींद संबंधी विकारों से जोड़ा है, जबकि अन्य इसे सुरक्षित मानते हैं।

Smartphone Radiation

क्या कहते हैं अध्ययन?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और IARC

विश्व स्वास्थ्य संगठन की इकाई, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC), ने 2011 में RF रेडिएशन को “संभावित कार्सिनोजेनिक” (2B श्रेणी) के रूप में वर्गीकृत किया। हालांकि, 2024 तक, WHO ने कहा कि Smartphone Radiation से कैंसर का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

हाल के शोध

2025 में प्रकाशित एक अध्ययन, जिसमें 10 लाख से अधिक लोगों का डेटा शामिल था, ने पाया कि Smartphone Radiation का दीर्घकालिक उपयोग मस्तिष्क ट्यूमर (जैसे ग्लियोमा) से नहीं जुड़ा। हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) ने चेतावनी दी कि अत्यधिक उपयोग से नींद की गुणवत्ता और तनाव पर प्रभाव पड़ सकता है।

गैर-थर्मल प्रभाव

Smartphone Radiation के थर्मल प्रभाव (ऊतक का गर्म होना) के अलावा, कुछ शोध गैर-थर्मल प्रभावों, जैसे कोशिका संरचना में सूक्ष्म परिवर्तन, की जांच कर रहे हैं। 2025 में यूरोपियन यूनियन ने इन प्रभावों पर और शोध के लिए €50 मिलियन का फंड आवंटित किया।

Smartphone Radiation को कम करने के उपाय

हालांकि Smartphone Radiation को पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है, कुछ उपाय इसे कम कर सकते हैं।

उपयोग की आदतें बदलें

  • हैंड्स-फ्री डिवाइस: कॉल के दौरान स्पीकरफोन या ब्लूटूथ हेडसेट का उपयोग करें।
  • कम सिग्नल क्षेत्रों में सावधानी: कम नेटवर्क सिग्नल वाले क्षेत्रों में फोन अधिक रेडिएशन उत्सर्जित करता है। ऐसे में कॉल करने से बचें।
  • रात में दूरी: सोते समय फोन को बिस्तर से दूर रखें।

डिवाइस सेटिंग्स

  • एयरप्लेन मोड: जब फोन का उपयोग न हो, इसे एयरप्लेन मोड पर रखें।
  • वाई-फाई और ब्लूटूथ बंद करें: अनावश्यक रूप से इन सुविधाओं को बंद रखें।

तकनीकी नवाचार

2025 में, स्मार्टफोन निर्माताओं ने कम SAR वाले डिवाइसेज़ पर ध्यान देना शुरू किया। उदाहरण के लिए, सैमसंग और शाओमी ने नए मॉडल्स में उन्नत एंटीना डिज़ाइन पेश किए, जो रेडिएशन को 15% तक कम करते हैं।

Smartphone Radiation

2025 में Smartphone Radiation पर नवीनतम अपडेट्स

2025 में Smartphone Radiation को लेकर कई नई प्रगतियां और नियम सामने आए हैं।

नियामक बदलाव

भारत सरकार ने जनवरी 2025 में सभी नए स्मार्टफोनों के लिए SAR मूल्यों को पैकेजिंग पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने का नियम लागू किया। यह उपभोक्ताओं को रेडिएशन स्तरों की तुलना करने में मदद करता है।

5G और रेडिएशन

5G नेटवर्क की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, Smartphone Radiation पर चिंताएं बढ़ी हैं। हालांकि, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने पुष्टि की कि 5G फ्रीक्वेंसी भी नॉन-आयोनाइजिंग है और मौजूदा SAR सीमाओं के भीतर है।

उपभोक्ता जागरूकता अभियान

2025 में, भारत में “स्मार्टफोन सेफ यूज़” अभियान शुरू किया गया, जिसमें Smartphone Radiation के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है। यह अभियान स्कूलों और कॉलेजों में कार्यशालाओं के माध्यम से युवाओं को शिक्षित कर रहा है।

Smartphone Radiation से जुड़ी भ्रांतियां

कई लोग मानते हैं कि Smartphone Radiation से कैंसर या बांझपन जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, वैज्ञानिक अध्ययनों ने इन दावों को पूरी तरह सही नहीं पाया। दूसरी ओर, रेडिएशन शील्ड्स और स्टिकर्स जैसे उत्पादों को प्रभावी नहीं माना गया और इनके उपयोग की सलाह नहीं दी जाती।

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निष्कर्ष

Smartphone Radiation एक जटिल और चर्चित विषय है, लेकिन वर्तमान वैज्ञानिक साक्ष्य बताते हैं कि यह सामान्य उपयोग में सुरक्षित है। 2025 में नए नियमों और तकनीकी प्रगति ने इसकी सुरक्षा को और बढ़ाया है। फिर भी, सावधानी बरतना, जैसे हैंड्स-फ्री डिवाइस का उपयोग और सीमित स्क्रीन टाइम, आपके स्वास्थ्य को और बेहतर रख सकता है। क्या आप अपने स्मार्टफोन उपयोग की आदतों को बदलकर Smartphone Radiation के प्रभाव को कम करने के लिए तैयार हैं?

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