HMPV virus आज कल फैल रहा है। यह वायरस कोरोना की ही तरह चीन से फैला है। आजकल भारत में इसके मामले आ रहे है। इस वायरस की वजह से फिर से लोग करोना तरह डरे हुए है। अभी तक इसका कोई सटीक इलाज नहीं है। आज हम HMPV virus के पीछे छुपे वैज्ञानिक तथ्यों और इसके रोकथाम के बारे में बात करेंगे।
क्या है ये HMPV virus
Hmpv यानी Human metapneumovirus हैं। इसकी उत्पति आज से 200 से 400 साल पहले चिड़ियों से हुई थी। जब ये वायरस पहली बार खोजा गया था तब से अब तक इस वायरस ने खुद को बहुत बदल लिया है। इसमें इतने बदलाव हो चुके है कि जो ये आज कल जो फैल रहा है वो चिड़ियों को प्रभावित नहीं करता है। सन 2001 में पता चला कि ये वायरस इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। ये वायरस सबसे ज्यादा कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इस क्षेणी में बच्चे और बुढ़े लोग आते है।
इस वायरस के मुख्य लक्षण खांसी, नाक बंद होना, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत ओर निमोनिया है। ये वायरस काफी सालों से हमारे बीच में है तो एक स्तर की इम्युनिटी हम सब में मौजूद है।
HMPV virus का वैज्ञानिक तथ्य
यह वायरस हमारे लिए बिल्कुल नया नहीं है। इस की खोज 200 से 400 साल पहले हो चुकी है। यह पहले केवल चिड़ियों में पाया जाता था। फिर ये 2001 से इंसानों को भी प्रभावित करने लग गया। वैज्ञानिकों की माने चाहे अभी तक इसकी कोई दवाई या वैक्सीन नहीं है पर फिर भी ये इतना खतरनाक नहीं है। क्योंकि ये काफी सालों से हमारे बीच है।
जिस से हमारे अंदर कुछ स्तर तक इसकी इम्युनिटी है। ये हो सकता है कि करोना की तरह ही इसका भी ज्यादा खतरनाक वेरिएंट सामने आ जाए जिस से खतरा हो। इस का ज्यादा खतरा अभी 5 साल से कम उम्र के बच्चों ओर ज्यादा बुढ़ों को है। इसके लक्षण भी जुखाम की तरह है जेसे की की बंद नाक खांसी और बुखार।
HMPV virus फैलता कैसे है
ये वायरस भी किसी संक्रमित व्यक्ति के प्रभाव में आने से फैलता है जैसे कि अगर कोई संक्रमित आदमी छींकता है या अपने संक्रमित हाथों से किसी चीज को छूता है। ओर फिर कोई दूसरा व्यक्ति उसी जगह को छूता है और फिर अपने नाक मुंह या आंखों को छूता है तो दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता ही।
कैसे बचा जा सकता है HMPV virus से
इस वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका है कि अगर कोई व्यक्ति आपको बीमार लगे तो उस से दूरी बना कर के रखे। अगर बाहर कहीं आपके हाथ लगते है तो अपने हाथ को सेनिटाइजर के साथ साफ करे। अगर कोई छींकता या खांसता है उस से उचित दूरी बना कर रखे। बार बार अपने मुंह आंखे ओर नाक को न छुए। अगर आप खुद बीमार है तो हमेशा मास्क लगा कर रखे जिसे से दूसरे इस से बचे रहे।
HMPV virus की वैक्सीन
अभी तक इस वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है। इस वायरस से बचने के लिए हमे अपनी इम्युनिटी पर ध्यान देना होगा। हमें पौष्टिक भोजन करना चाहिए और साथ में योगा करना चाहिए। जिस से हमारे शरीर के अंगों जैसे हृदय, नाक, कान, फेफड़ों पर कोई प्रभाव न पड़े।
कुंभ 2025 को HMPV virus से चुनौती
भारत में 13 जनवरी से कुंभ स्टार्ट हो रहा है जो कि एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है इस HMPV virus की वजह से। इस की वजह से कुंभ में बहुत ज्यादा इंतजाम करने पढ़ेंगे। वैज्ञानिकों के अनुसार अभी तक तो इस वायरस से ज्यादा खतरा नहीं है भारत में पर फिर भी सुरक्षा बहुत जरूरी है।
Corona Virus और HMPV Virus में क्या अंतर है।
करोना वायरस जब फैला था तो वो हम सब के लिए एक नया वायरस था जिस कारण किसी में भी इसके प्रति कोई इम्युनिटी नहीं थी। जिस कारण यह एक महामारी बन गया था। पर HMPV virus हमारे बीच 200 से 400 सालों से मौजूद है जिस कारण हम में एक स्तर तक कि इम्युनिटी मौजूद है। जिस से अभी तक इस से ज्यादा खतरा नहीं है।अभी तक बच्चों ओर बुजुर्गों में इस वायरस का थोड़ा सा खतरा बना हुआ है।
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Conclusion
का भारत में अभी तक कोई ज्यादा खतरा है नहीं। अभी लॉकडाउन जैसी कोई भी स्थिति नहीं पैदा हुई है। इसका मुख्य कारण है कि ये कोई नया वायरस नहीं है। इसकी थोड़ी बहुत इम्युनिटी हमारे अंदर पहले से ही है। इस वायरस से बच्चों ओर बुजुर्गों को बचाने की जरूरत है अभी तक। जो अभी तक इस वायरस का वेरिएंट आया है वो इतना खतरनाक नहीं है। चीन में इसका इफेक्ट कुछ ज्यादा है वैज्ञानिकों का मानना है कि चीन में ओर भी बहुत से वायरस है जिस कारण वहां थोड़ा हाल ज्यादा खराब है।
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