UIDAI और आधार कार्ड में Biometric Technology कैसे काम करती है?

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक संस्था है, जो आधार कार्ड जारी करती है। आधार एक 12-अंकीय विशिष्ट पहचान संख्या है, जो भारत के निवासियों को उनकी बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी के आधार पर प्रदान की जाती है। Aadhaar Card दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक पहचान तंत्र है, जिसमें मई 2023 तक 99.9% से अधिक वयस्क भारतीयों का नामांकन हो चुका है। यह विभिन्न सरकारी योजनाओं, बैंकिंग सेवाओं और पहचान सत्यापन के लिए उपयोगी है।

आधार कार्ड का उद्देश्य

UIDAI का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक निवासी को एक विश्वसनीय पहचान प्रदान करना है, जो डुप्लिकेशन और धोखाधड़ी को रोके। आधार कार्ड डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सब्सिडी और कल्याणकारी योजनाओं को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने में सहायक है।

Biometric Technology

Biometric Technology का कार्य तंत्र

Aadhaar Card में biometric technology व्यक्ति की विशिष्ट शारीरिक विशेषताओं, जैसे उंगलियों के निशान, आंखों की पुतलियों (आईरिस) और चेहरे की छवि का उपयोग करती है। ये डेटा सेंट्रल आइडेंटिटीज डेटा रिपॉजिटरी (CIDR) में सुरक्षित रूप से संग्रहीत किए जाते हैं।

बायोमेट्रिक डेटा संग्रह

नामांकन के दौरान, UIDAI निम्नलिखित बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र करता है:

उंगलियों के निशान (फिंगरप्रिंट)

दसों उंगलियों के निशान उच्च गुणवत्ता वाले ऑप्टिकल स्कैनर, जैसे मंत्रा MFS100, के माध्यम से लिए जाते हैं। यह तकनीक खराब गुणवत्ता वाले निशानों को भी पहचान सकती है।

आईरिस स्कैन

आईरिस स्कैनर, जैसे मंत्रा MIS100 V2, आंखों की पुतलियों के अद्वितीय पैटर्न को कैप्चर करता है। यह विधि उम्र बढ़ने या चोट के बावजूद स्थिर रहती है और अत्यधिक सुरक्षित है।

चेहरा सत्यापन

2018 में शुरू किया गया फेस ऑथेंटिकेशन एक कॉन्टैक्टलेस विधि है, जो चेहरे की विशेषताओं को डेटाबेस से मिलान करती है। यह उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनके फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन में समस्या हो।

सत्यापन प्रक्रिया

सत्यापन के दौरान, biometric technology डेटा CIDR से मिलान किया जाता है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित तरीकों से हो सकती है:

  • फिंगरप्रिंट सत्यापन: स्कैनर व्यक्ति के निशान को डेटाबेस से मिलाता है।
  • आईरिस सत्यापन: विशेष कैमरे आईरिस पैटर्न की तुलना करते हैं।
  • फेस ऑथेंटिकेशन: चेहरे की छवि को डेटाबेस से मिलाया जाता है।
  • मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन: OTP के साथ बायोमेट्रिक का उपयोग।

2025 में biometric technology के नवीनतम अपडेट्स

2025 में UIDAI ने Aadhaar Card की biometric technology को और मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

लाइवनेस डिटेक्शन और L1 सर्टिफिकेशन

जनवरी 2025 से, UIDAI ने सभी biometric technology स्कैनरों के लिए लेवल 1 (L1) सर्टिफिकेशन अनिवार्य किया है, जिसमें लाइवनेस डिटेक्शन शामिल है। यह तकनीक नकली बायोमेट्रिक डेटा, जैसे सिलिकॉन फिंगरप्रिंट्स, का पता लगाती है। प्राइस बायोमेट्रिक्स की बायोलाइव सॉफ्टवेयर को इसके लिए मंजूरी मिली है।

बच्चों के लिए बायोमेट्रिक बेंचमार्किंग

UIDAI और IIIT-हैदराबाद ने 5-10 वर्ष के बच्चों के लिए फिंगरप्रिंट सत्यापन की सटीकता जांचने के लिए एक biometric technology SDK बेंचमार्किंग चैलेंज शुरू किया है। यह 90 मिलियन दैनिक आधार लेनदेन के लिए महत्वपूर्ण है।

अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU)

UIDAI ने बच्चों के लिए 5 और 15 वर्ष की आयु में बायोमेट्रिक अपडेट को अनिवार्य किया है, जिसे MBU कहा जाता है। यह उम्र से संबंधित शारीरिक परिवर्तनों के कारण सटीकता बनाए रखने के लिए है।

नया आधार ऐप

अप्रैल 2025 में, UIDAI ने एक नए आधार ऐप की टेस्टिंग शुरू की, जो QR स्कैन और फेस ID के माध्यम से डिजिटल सत्यापन को सक्षम बनाता है। इससे फोटोकॉपी की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।

Biometric Technology

बायोमेट्रिक डेटा की सुरक्षा

UIDAI बायोमेट्रिक डेटा की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय करता है:

  • एन्क्रिप्शन: डेटा कैप्चर के दौरान एन्क्रिप्ट किया जाता है और नेटवर्क पर अनएन्क्रिप्टेड नहीं भेजा जाता।
  • बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक: उपयोगकर्ता myAadhaar पोर्टल या mAadhaar ऐप के माध्यम से अपने बायोमेट्रिक्स को लॉक/अनलॉक कर सकते हैं।
  • ऑफलाइन e-KYC: डिजिटल हस्ताक्षरित XML फाइलें ऑफलाइन सत्यापन को सुरक्षित बनाती हैं।

गोपनीयता संबंधी चिंताएं

कुछ आलोचकों का कहना है कि आधार की शुरुआत में गोपनीयता कानूनों की कमी थी। हालांकि, 2016 के आधार अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के 2017 के पुट्टस्वामी फैसले ने गोपनीयता को मौलिक अधिकार बनाया, जिससे UIDAI ने सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया।

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निष्कर्ष

Aadhaar Card की biometric technology भारत की डिजिटल पहचान प्रणाली का आधार है। UIDAI की उन्नत तकनीक, जैसे लाइवनेस डिटेक्शन और फेस ऑथेंटिकेशन, इसे सुरक्षित और विश्वसनीय बनाती है। 2025 के अपडेट्स, जैसे MBU और नया आधार ऐप, इस तंत्र को और बेहतर बनाते हैं। हालांकि गोपनीयता संबंधी चिंताएं बनी हुई हैं, UIDAI के सुरक्षा उपाय इसे विश्व का सबसे परिष्कृत पहचान कार्यक्रम बनाते हैं। क्या आप अपने आधार की बायोमेट्रिक जानकारी को अपडेट रखने के लिए तैयार हैं?

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