D Gukesh: 18 वर्ष की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनकर रचा इतिहास

भारत के शतरंज जगत में एक नया सितारा उभरा है—D Gukesh, जिसने 18 वर्ष की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। उनकी यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए गर्व का विषय है, बल्कि विश्व शतरंज में एक नई क्रांति की शुरुआत भी है। आइए, जानते हैं कि कैसे यह युवा ग्रैंडमास्टर शतरंज की दुनिया में चमक रहा है।

D Gukesh का प्रारंभिक जीवन और शतरंज की शुरुआत

चेन्नई से विश्व मंच तक

29 मई 2006 को चेन्नई में जन्मे D Gukesh ने मात्र 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया। उनके पिता, एक ईएनटी सर्जन, और मां, एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट, ने उनके जुनून को प्रोत्साहित किया। 12 साल की उम्र में, गुकेश ने ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया, जिससे वे तीसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने।

प्रारंभिक उपलब्धियां

गुकेश ने जल्दी ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपनी प्रतिभा दिखाई। 2019 में, वे विश्व के सबसे युवा खिलाड़ी बने, जिन्होंने 2700 FIDE रेटिंग पार की। उनकी रणनीतिक सोच और आक्रामक खेल शैली ने उन्हें शतरंज प्रेमियों का चहेता बना दिया।

विश्व चैंपियन बनने की यात्रा

2024: ऐतिहासिक जीत

दिसंबर 2024 में, सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप में D Gukesh ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब जीता। यह जीत उन्हें सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनाती है, जिसने 40 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा। यह केवल उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं थी, बल्कि भारत के शतरंज सुपरपावर बनने का प्रतीक भी थी।

D Gukesh

नॉर्वे शतरंज 2025: नई चुनौतियां

हाल ही में, गुकेश नॉर्वे शतरंज 2025 में मैग्नस कार्लसन के खिलाफ उतरे, जो उनके लिए एक बड़ा मौका था। D Gukesh ने 62 सालों के बाद दुनिया के नंबर 1 खिलाडी पर जीत हासिल की

चुनौतियां और आलोचनाएं

फ्रीस्टाइल शतरंज में संघर्ष

2025 के फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम में गुकेश का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा। इस अनोखे प्रारूप में, जहां शुरुआती टुकड़ों की स्थिति बदल दी जाती है, गुकेश ने कुछ हार का सामना किया, लेकिन फिर भी नॉकआउट चरण में पहुंचे।

आलोचनाओं का जवाब

कुछ शतरंज विशेषज्ञों, जैसे मैग्नस कार्लसन और जोन लुडविग हैमर, ने गुकेश की विश्व चैंपियनशिप जीत पर सवाल उठाए। हालांकि, भारतीय ग्रैंडमास्टर श्रीनाथ नारायणन ने उनका बचाव करते हुए कहा कि गुकेश को किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है।

भारत के शतरंज सुपरपावर बनने की कहानी

विश्वनाथन आनंद ने भारत को शतरंज का सुपरपावर बताया है, जिसमें गुकेश, प्रज्ञाननंदा, और अर्जुन एरिगैसी जैसे युवा सितारे अहम भूमिका निभा रहे हैं। गुकेश की उपलब्धियां भारत में शतरंज के प्रति रुचि को और बढ़ा रही हैं। हाल ही में, UPSC प्रीलिम्स 2025 में भी उनके नाम पर सवाल पूछा गया, जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है।

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आगे की राह

D Gukesh अब 2026 में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में अपने खिताब की रक्षा करेंगे। उनकी मेहनत, समर्पण, और जुनून उन्हें शतरंज की दुनिया में और ऊंचाइयों तक ले जाएगा। भारत का यह युवा ग्रैंडमास्टर न केवल शतरंज का चमकता सितारा है, बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है।

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